Anubhab Mowar

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लेखनी प्रतियोगिता -30-Nov-2021

भावना

भावना…कितना छोटा शब्द,मगर कितना गहरा।
हर अच्छे बुरे की शुरुवात होती है ,एक भावना से।
हर बदलाव का आगाज़ होता है,एक भावना से।
बंजरों में फूल खिलते हैं,एक भावना से,
कभी मरहम,तो कभी घांव मिलते हैं,एक भावना से।
एक शरीर को जान मिलती है,एक भावना से।
किसी शख्स को पहचान मिलती है,एक भावना से।
चरित्र का निर्माण होता है,एक भावना से।
कोई संत तो कोई शैतान होता है,एक भावना से।
सब कुछ मौजूद है यहां,एक भावना से
दुनिया का वजूद है,'गुमनाम',एक भावना से।

- गुमनाम लेखक

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6 Comments

Chirag chirag

09-Dec-2021 05:11 PM

Nice pened

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Seema Priyadarshini sahay

04-Dec-2021 12:44 AM

बहुत खूबसूरत रचना

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